विवेक अग्निहोत्री भारतीय सिनेमा के फ़िल्म डायरेक्टर, स्क्रीनरीटर व ऑथर हैं। उनके अद्वितीय फ़िल्म द तश्केंत फाइल्स के लिए उन्हें नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। वहीं द कश्मीर फाइल्स ने तो पूरे देश भर में, सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ख़ूब तहलका मचाया था। वहीं इस फ़िल्म ने बॉलीवुड को डूबने से भी बचा लिया है, क्योंकि जैसे कोविड का प्रभाव हर चीज़ पर पड़ा है और हर जगह बदलाव भी देखा जा रहा है कुछ चीज़ें अच्छा बदलाव लाई तो कुछ अपने स्तर से नीचे भी गई हैं। उसी प्रकार बॉलीवुड में भी कोविड के बाद कई फ्लॉप फ़िल्में आई थी। क्योंकि अब लोगों की अपेक्षाएं बहुत बड़ गई हैं, और उनकी उम्मीदों पर काम करके ही उन्हें अपना ऑडियंस बनाए रखा जा सकता है। तो ऐसे में फ्लॉप फ़िल्मों के बाद लोग उसे छोड़ अन्य साउथ की फ़िल्मों को पसंद करने लगे हैं। वास्तव में वह वहां की फ़िल्मों की कहानी, एक्टर्स और गानों को भी बहुत प्रेम दे रहे है, जिसका आइडिया हम आरआरआर और तेरी झलक जैसे पूरे देश में नाम कमाने वाले फ़िल्म और गाने से लगा सकते है। तो वहीं इस फ़िल्म ने सबको एक नया विश्वास दिलाया है कि बॉलीवुड अब भी अच्छी फ़िल्में दे सकता है। एडवरटाइजिंग एजेंसी से शुरू किया हुआ उनका ये कैरियर आज आगे बड़ गया है। उनकी कुछ फ़िल्म ने भले उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स न दिया हो पर कुछ ने उनकी पहचान काफ़ी उठा दी है।
अपनी फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स के अलावा भी वह काफ़ी सुर्खियों में चल रहे हैं जैसे कि हाल ही में उन्होंने’किंग, बादशाह, सुल्तान रहेंगे तो हिन्दी सिनेमा डूबता ही रहेगा’ ऐसा ट्वीट अपने ट्विटर अकाउंट से किया है जहां उनपर कुछ लोग भड़क रहे हैं। कुछ यूजर्स ने तो उन पर फ्लॉप फ़िल्में देने का कटाक्ष किया तो कुछ ने शाहरुख, सलमान को सहराया भी और उनकी मेहनत लगन को उजागर भी किया। विवेक का शायद इससे आशय ऐसा भी था कि लोगों को आगे लाकर इसे लोगों कि इंडस्ट्री बनाया जाए। तभी ये ग्लोबल इंडस्ट्री बनकर लीड कर पाएगी। ये उन्होंने अपनी फ़िल्म के चलते हुए कही थी।
जिसे काफ़ी ट्रॉल किया जा रहा है। विवेक के आजकल किए जाने वाली काम की बात कि जाए तो वे अभी अपनी अगली फ़िल्म द दिल्ली फ़िल्म पर काम कर रहे हैं। जिसमें 1984 में हुए दंगो के साथ-साथ कई और मुद्दों पर रोशनी डालने वाले हैं। शाहरुख और सलमान से पहले उन्होंने ‘काली’ की डायरेक्टर लीना मणिमेकलाई को लेकर भी ट्वीट किया था और अपने ट्वीट से उनको पागल बताया था। दरसल काली के पोस्टर में देवी काली मां के हाथ में lgbtq का झंडा और सिगरेट पीते हुए दिखाया था। इस पोस्टर को देख हिंदू समुदाय के लोग भड़क उठे थे। उनके हिसाब से यह धर्म से सम्बंधित भावनाओं को आहत पहुंचा सकता है। जो देश में एक विद्रोही माहोल पैदा कर सकता है। वहीं दूसरी ओर अगर देखा जाए तो द दिल्ली फाइल्स का भी लोग बेसबरी से इंतज़ार कर रहे हैं और वे बहुत दिलचस्पी के साथ इस फ़िल्म को देखना चाहेंगे क्योंकि कश्मीर फाइल्स के बाद अब उनकी उम्मीदें बहुत ऊंची हो गई हैं जो अब उनके रिव्यूज से भी पता चलेगी।