भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा फ़िल्म बनाता है, यहां प्रतिवर्ष 1000 से 2000 तक फ़िल्में बनाई जाती हैं। जो कि अपने आप में एक बड़ा नंबर है। हर फ़िल्म का बजट होता है जिसके हिसाब से उस फ़िल्म पर काम किया जाता है। फ़िल्म की सफलता वैसे तो सिर्फ़ इससे जुड़ी नहीं होती है। क्योंकि किरदारों का चयन, अभिनेताओं की एक्टिंग और फ़िल्म की कहानी का ज़्यादा महत्त्व होता है। पर इन सब को एक कायदे में रखने का काम बजट का होता है। भारत में 300 से 500 करोड़ तक की फ़िल्में बनती है, जैसे हाल ही में रिलीज़ हुई आरआरआर, बाहुबली, बजरंगी भाईजान और खबरों की माने तो आने वाली ब्रह्मास्त्र महंगी फ़िल्मों में गिनी जाएगी। पर इसका मतलब यह नहीं है कि लो बजट फ़िल्में अपना वर्चस्व खो देती है। कुछ फ़िल्में ऐसी भी हैं जिनका बजट कम होने के बाद भी वह हिट रही है और सफल होकर अच्छा पैसा कमा के गई है।
आइए जानते हैं कुछ उन फ़िल्मों के बारे में
1. विक्की डोनर
इस फ़िल्म के बाद शूजित सरकार की फ़िल्म मेकिंग पर शायद ही किसी को संदेह हो, जूही चतुर्वेदी के द्वारा लिखित स्क्रिप्ट को उन्होंने सिर्फ़ 5 करोड़ के बजट में फ़िल्म बनाई थी। जिसने बॉक्स ऑफिस पर 67 करोड़ तक की कमाई की थी। आयुष्मान द्वारा डेब्यू हुई फ़िल्म दर्शकों को बहुत पसंद आई थी और सफल साबित हुई थी।
2. पीपली लाइव
सामाजिक कुरीतियों और सिस्टम पर बनी ये व्यंगात्मक फ़िल्म लगभग 10 करोड़ के बजट पर बनी थी। जिसे आमिर खान ने प्रोड्यूस किया था, सिंगल स्क्रीन पर कम रिलीज़ होने के बाद भी यह फ़िल्म लगभग 48 करोड़ की कमाई कर ले गई थी।
3. पान सिंह तोमर
8 करोड़ के बजट में बनी इस फ़िल्म में इरफान अभिनीत पान सिंह तोमर ने भूमिका निभाई थी और नेशनल अवार्ड से उन्हें सम्मानित भी किया गया था। चंबल के बहीडो में शूट हुई ये फ़िल्म लगभग 19 करोड़ की कमाई कर ले गई थी, जिसे अच्छी फ़िल्म श्रेणी में भी शामिल किया गया था।
4. नो वन किल्ड जेसिका
9 करोड़ के बजट पर बनी फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर 47 करोड़ कमा कर गई थी। क्योंकि फ़िल्म एक सच्ची घटना पर आधारित थी। जिसमें जेसिका हत्याकांड के पहले और बाद की चीजों को दर्शाया गया था। फ़िल्म में रानी मुखर्जी और विद्या बालन ने अहम भूमिका निभाई थी।
5. कहानी
100 करोड़ कमाने वाली इस फ़िल्म का बजट मात्र 8 करोड़ का ही था। क्राइम बेस्ड थीम इस फ़िल्म को सुजॉय घोष ने निर्देशन दिया था। फ़िल्म में अहम भूमिका में विद्या बालन को देखा गया था, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से सबका दिल जीत लिया था। फ़िल्म की कहानी बहुत सस्पेंस भरी थी।
इन सब से यह समझ आता है कि फ़िल्म अगर अच्छे हाथों में दी जाए तो बहुत कमाल कर सकती है। जिसमें किरदारों, कहानी के महत्त्व के साथ साथ बजट पर भी ध्यान दिया जाए। इन सभी फिल्मों से यह सीख भी मिलती है कि ज़रूरी नहीं है किसी चीज़ को बड़े अमाउंट से ही शुरू किया जाए तभी वो सफल हो सकती है। इंसान की सोच और काम में दिलचस्पी होनी चाहिए सफलता अपने आप अपना रास्ता बनाती है।