नगमा ये नाम भले ही आज खबरों में न हो पर 90′ s के लोगों को यह नाम आज भी याद होगा। ये एक भारतीय अभिनेत्री है जिन्होंने आज बॉलीवुड पर हुक्म करने वाली बड़े-बड़े स्टार्स के साथ बड़े पर्दे पर काम किया है। भारतीय सिनेमा में इन्होंने अपना डेब्यू बग्घी फ़िल्म से किया था। जिसमें सलमान खान इनके साथ थे। उसके बाद घराना मोगुदु, किंग अंकल, बाशा आदि फ़िल्मों में इनके किरदार को बहुत पसंद किया गया था। उसके बाद सुहाग फ़िल्म जो इन्होंने अक्षय कुमार और अजय देवगन के साथ की थी, उसका गाना गोरे-गोरे मुखड़े को तो लोग आज भी वक़्त बे वक़्त याद कर ही लेते हैं। इन्होंने तेलगु, तमिल, हिंदी, भोजपुरी, मलयालम, बंगाली, पंजाबी, मराठी आदि भाषाओं की फ़िल्मों में भी काम किया है।
बता दें कि एक 2006 के इंटरव्यू में इन्होंने ऐसा कहा था कि इन्हे 9 भाषाओं का ज्ञान है इसलिए ये अब उन सभी भाषाओं में फ़िल्में बनाना चाहती हैं। इतनी भाषाओं का ज्ञान होना सरल नहीं है क्योंकि वे भाषा आपको सिर्फ़ समझ में ही नहीं बल्कि उच्चारण में भी आनी चाहिए। तभी आप उसमें अच्छे से काम कर पाएंगे और उस में एक्टिंग कर पाएंगे। जो की नगमा के अलग गुण में से एक है। किसी क्षेत्र में मल्टीटालेंटेड होना एक उपलब्धि ही होती है। इसी वज़ह से 2005 में इन्हें भोजपुरी फ़िल्म दूल्हा मिलाल दिलदार में बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड भी मिला था। साथ ही उनकी फ़िल्म घराना मोघडू के लिए भी उन्हे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
2006 में इन्होंने बॉलीवुड के तब के और आज के शहंशाह अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी के साथ भी काम किया था। जिनके साथ काम करने के सपने अभी भी कई अभिनेत्रियां देख रही है। इनके बचपन की बात अगर की जाए तो इन्होंने अपनी पढ़ाई ग्रैजुएशन तक की मुंबई से ही की थी। जिस प्रकार हर व्यक्ति का एक समय आता है जिसमे वह बेहद ऊपर उठता है ऐसे ही नगमा भी उठी थी पर फिर 2008 के बाद उन्होंने अपना फ़िल्मी करियर बंद कर दिया। बता दें कि इनकी दिलचस्पी राजनीति की तरफ़ भी रही है, क्योंकि 2004 के जनरल इलेक्शन में बीजेपी नगमा को हैदराबाद से अपना कैंडिडेट बनाना चाहती थी। पर उन्होंने अपनी इक्षानुस्वार कांग्रेस में जाने की सोची क्योंकि वे राजीव गांधी से बेहद प्रभावित थी। वहीं अगर इनके निजी जीवन की बात अगर की जाए तो इनका नाम आर सारथकुमार जो की अभिनेता है, सौरभ गांगुली और रवि किशन के साथ लिया जाता है।
जिसमें रवि उनके पिछले बॉयफ्रेंड थे पर बाक़ी को सिर्फ़ अफवाहों के रूप में ही स्वीकारा जा सकता है। उनके पिता अरविंद प्रतापसिंह मोराजी थे और उनकी मां का नाम शमा काज़ी है। उनके पिता का देहांत 2005 में ही हो गया था। ये अपने ज़माने में बहुत ही सुंदर अभिनेत्रियों में गिनी जाती थी जहां उन्होंने बॉलीवुड में कुछ ही फ़िल्में की ओर उसके बाद अपनी रुचि को और भाषाओं की तरफ़ घुमा लिया था।