हमारे देश में हर प्रकार की फ़िल्में बनती है। बॉलीवुड हो या टॉलीवुड भारतीय सिनेमा में बहुत-सी नए-नए कांसेप्ट पर काम होता है। जैसे एक्शन, थ्रिलर, रोमांस, कॉमेडी, बायोपिक और भी तरीके की फ़िल्में लोगों के मनोरंजन से सम्बंधित बनाई जाती है। जो बड़े पर्दे पर बहुत हिट भी होती है, साथ ही हर तरीके की ऑडियंस उसे पसंद भी करती है। कुछ फ़िल्में तो ऐसी होती है जो लोगों को स्वाभिमान, मोटिवेशन और आत्मविश्वास से भर देती है। इन फ़िल्मों का उद्देश्य ही देश की जनता को सीख देने का होता है। लोगों को उनकी प्रतिभाओं से मिलवाने का होता है और उनके जीवन को सही दिशा में मोड़ने का होता है।
आइए जानते है कुछ ऐसी फ़िल्में जिसने लोगों के अंदर बहुत जोश भर दिया था।
1. 3 इडियट्स
ये फ़िल्म बताती है हमको भीड़ से हटकर कुछ करना चाहिए। आपके मार्क्स आपका जीवन का निर्णय नहीं ले सकते उससे बड़ा आपके अंदर छुपा हुआ टैलेंट है। जिसे जीकर आप ख़ुद की खोज कर सकते है। साथ ही इस फ़िल्म ने एक बच्चे के ऊपर कितना प्रेशर है उसको बताया और जिसने इस बात को समझाया कि काबिल बनो तो सफलता अपने आप पीछे आयेगी।
2. चक दे इंडिया
शिमित अमीन के निर्देशन में बनी ये फ़िल्म में शाहरुख ख़ान ने एक कोच की भूमिका निभाई है जो कि महिला और पुरुष के भेदभाव को मिटाकर तमाम बाधाओं को पार करना सिखाता है। जिसे देखकर देश की तमाम लड़कियां अपनी सोच पर ध्यान देती है और जोश से भर भी जाती हैं।
3. लगान
आशुतोष ग्वारिकर की ये फ़िल्म बताती है कि आत्मविश्वास से बड़ा जीवन में कुछ नहीं होता। फ़िल्म में कुछ गांव वाले होते है, जिनको क्रिकेट की कोई जानकारी नहीं होती फिर भी वे अपने लिए लड़ते है और अंग्रेजों के खिलाफ खड़े होकर उनको उनके ही खेल में मात दे देते है।
4. माझी: द माउंटेन मेन
केतन मेहता ने इस फ़िल्म को डायरेक्ट किया था, जहां नवाजुदीन ने बिहार के माझी की भूमिका निभाई थी। दशरथ माझी ने अकेले ही 22 साल मेहनत करके पहाड़ को काटकर वहां आने जाने के लिए सड़क बना दी थी।
5. भाग मिल्खा भाग
ये एक रीयल लाइफ स्टोरी है और ऐसी बायोपिक स्टोरीज का चलन हमारे देश में बहुत बड़ गया है। फ्लाइंग सिख के नाम से फेमस मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित फ़िल्म ने बहुत लोगों को मेहनत का महत्त्व और देश के प्रति प्रेम भावनाओं को जाग्रत किया है। ये मोटिवेशन का सबसे हाई डोज है। आज मिल्खा सिंह हमारे बीच नहीं है पर इस फ़िल्म के माध्यम से सभी उनको याद कर लेते है।
ये सारी फ़िल्मों ने भारत में ख़ूब नाम और आदर पाया है। जहां एक तरफ़ लोग इन सभी फ़िल्मों की तारीफ करते है वहीं आगे और भी ऐसी फ़िल्मों की उम्मीद भी करते है। वे ऐसी फ़िल्मों को देखकर अपनी मेहनत और जीवन की दिशा को सही रूप देना चाहते है।